" सौतेली, माँ " कितनी अपनी कितनी पराई हो गई, देकर दुनिया के सुख वो परछाई हो गई , किसी ने सताया किसी ने सहलाया तो वो अपनी,फिर दुनिया हमारी हो गई, है,वो माँ ही तो है जो छोड़ गई पलने पर और जिसने अपनाया वो पराई हो गई✍ #सौतेली_माँ