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दिल के दर्द को आंखों में समेटा ना करो ,





दिल के  दर्द को आंखों में समेटा ना करो  ,                                                         ये अश्क की बूंदें ! तेरा बह जाना ही बेहतर है !!                                                           

दिल के जज़्बात से, यूँ दूर तुम ज़ाया  ना करो,                                                      
ये राह के मुसाफ़िर ! तेरा घर आना ही बेहतर है !!                               

दिल ए ज़ख़्म को , यूँ कभी बढ़ाया ना करो ,                                                           ये इश्क़ का मरहम ! तेरा लग जाना ही बेहतर है !!                                    





                       # sometimes tears release inner pain #




दिल के  दर्द को आंखों में समेटा ना करो  ,                                                         ये अश्क की बूंदें ! तेरा बह जाना ही बेहतर है !!                                                           

दिल के जज़्बात से, यूँ दूर तुम ज़ाया  ना करो,                                                      
ये राह के मुसाफ़िर ! तेरा घर आना ही बेहतर है !!                               

दिल ए ज़ख़्म को , यूँ कभी बढ़ाया ना करो ,                                                           ये इश्क़ का मरहम ! तेरा लग जाना ही बेहतर है !!                                    





                       # sometimes tears release inner pain #