हाथों में उस के इश्क़ का रुमाल था शायद उसको आज मेरा ख़्याल था देखकर मुझको भी खूब खूशी हुई जब छाया मेरे यार पर जमाल था अब्दुल्लाह नसीम #ऊर्दू_शायरी