पैरों की पायल समाज की बेड़ियां, केवल औरत के लिए, उन्हें पायलों का उपमान दे दिया गया। उनकी झनक, उनकी खनक, उनकी मुस्कान, यूँ पराधीनता को एक नाम दे दिया गया।। कभी पायलों की झंकार में होती है घुटती हंसी, कभी चारदीवारी में कैद हो जाते हैं सपने। ये जंजीरें ये अहसास दिलाने के लिए हैं कि, सब तुम्हारे अपने होकर भी नहीं हैं अपने।। पैरों की बेड़ियां #dixitg