जिंदगी में आगे बढ़ते हुए कुछ अपनों को छोड़ गए कुछ नए रिश्ते जुड़े तो कुछ अधूरे रह गए कुछ ख्वाहिशें पूरी हुई तो कुछ सपने अधूरे रह गए साथ चाहा जब अपनों का तो अपने ही पराये हो गए सोचा था जो साथ निभाएंगे हमें कभी छोड़ कर ना जाएंगे वो हमें आधे सफ़र में ही छोड़ कर पता नहीं कहाँ गुम हो गए उनके बिना हम तो अब तन्हा से हो गए तन्हा से हो गए ©Chandra Mohan Singh #poem #kuch_apni_kalam_se #kuch_baatein