हे वर्तमान, मुझे वसीयत में कुछ भी मत देना... बस वो नदी का पानी दे देना, जिसमें मछलियां तैरती दिखें।।।।।। हरि ॐ क्षिति जल पावक गगन समीरा पंच तत्व मिलि रचेहु शरीरा वन क्रांति - जन क्रांति https://theforestrevolution.blogspot.com/ ©Ram Yadav #पर्यावरण #प्रदूषण #जल #अध्यात्म