ईक बार जो रुक जाऊ,तो चलना मुहाल हो जाता है तेरी गली जाने से बचु ,तो जीना बेहाल हो जाता है लफ्ज निकलते तो है जहन से,तुझे पुकारने के लिए गुस्ताखी देखीए,इक इक लफ्ज तेरा ख्याल हो जाता है लफज