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हमारी पहली गुरु हमारी माँ हर बच्चे की पहली शिक्ष

हमारी पहली गुरु हमारी माँ 

हर बच्चे की पहली शिक्षक उसकी मां होती हैं।
जो उसे डगमगाते पैरों से चलते हुए भी,
प्यार से चलना सिखाती है, 
तुतलाते हुए शब्दों से बोलना सिखाती हैं, 
रोते- रोते भी अपनी ठिठोलियों से उसे हँसना सिखाती हैं,
बच्चा जो कह नहीं पाता वो भी झट से समझ जाती हैं,
गलती हमारी होती हैं फिर भी वो माफ़ करके हमें मनाती हैं,
अपनी गलती को मान लेना एक अच्छा कदम हैं ये सिखाती हैं,
दोस्त की तरह साथ खेलती हैं,
और फिर माँ की पदवी पर डांट लगाती हैं,
जब खाना न खाएं हम तो तरह तरह के पकवान बनाती हैं,
फिर लालच देकर हमें उन सब चीज़ों को खिलाती हैं,
जीवन में थक कर रुक न जाना हमें हर बार बताती हैं,
सफलता दूर हैं नामुमकिन नहीं हर उदास पल में समझाती हैं,
क़ाबिल हो तो कामयाब भी ज़रूर होंगे,
क्योंकि नियति सबकों आज़माती हैं,
हर कदम पर हमारा हौसला बढ़ाती हैं,
कितना कुछ हैं जो माँ हमें सिखाती हैं। #RealTeacher #मेरी माँ
हमारी पहली गुरु हमारी माँ 

हर बच्चे की पहली शिक्षक उसकी मां होती हैं।
जो उसे डगमगाते पैरों से चलते हुए भी,
प्यार से चलना सिखाती है, 
तुतलाते हुए शब्दों से बोलना सिखाती हैं, 
रोते- रोते भी अपनी ठिठोलियों से उसे हँसना सिखाती हैं,
बच्चा जो कह नहीं पाता वो भी झट से समझ जाती हैं,
गलती हमारी होती हैं फिर भी वो माफ़ करके हमें मनाती हैं,
अपनी गलती को मान लेना एक अच्छा कदम हैं ये सिखाती हैं,
दोस्त की तरह साथ खेलती हैं,
और फिर माँ की पदवी पर डांट लगाती हैं,
जब खाना न खाएं हम तो तरह तरह के पकवान बनाती हैं,
फिर लालच देकर हमें उन सब चीज़ों को खिलाती हैं,
जीवन में थक कर रुक न जाना हमें हर बार बताती हैं,
सफलता दूर हैं नामुमकिन नहीं हर उदास पल में समझाती हैं,
क़ाबिल हो तो कामयाब भी ज़रूर होंगे,
क्योंकि नियति सबकों आज़माती हैं,
हर कदम पर हमारा हौसला बढ़ाती हैं,
कितना कुछ हैं जो माँ हमें सिखाती हैं। #RealTeacher #मेरी माँ