मैं कभी जो बातें कह नहीं पाया, वो आज तुमसे कह रहा हूं। दिल में छुपा दर्द, तुम्हें सुनाने की सोच रहा हूं।। तुम सुनोगी? बोलो? क्या तुम सुनोगी? अगर सुनना है, तो ज़रा पास आओ, और मुझे बाहों में भर लो, तब तक, जब तक तुम्हारी सांसें, मेरी सांसों की तरह ना चलने लगें। मैं कभी जो बातें कह नहीं पाया, वो आज तुमसे कह रहा हूं। दिल में छुपा दर्द, तुम्हें सुनाने की सोच रहा हूं।। तुम सुनोगी? बोलो? क्या तुम सुनोगी? अगर सुनना है, तो ज़रा पास आओ, और मुझे बाहों में भर लो, तब तक,