फरवरी की जागरण सखी में मेरी कहानी....
रिश्ते
अमावस की रात में भी मुझे, चमकता हुआ बादलों के बीच, चाँदी सी चमचमाती कटोरी जैसा चाँद नज़र नजर आ रहा हैI नन्हे दीपों से जगमगाते सितारे, जो मेरीखुली आँखों के सामने विस्तृत नीले गगन में अठखेलियाँ करते रहते थे, मुझे कभी नहीं दिखाई पड़ेI ठंडी हवा के झोंको के साथ ही वहीँ
अनगिनत टिमटिमाते तारें आज बंद आंखों में भी मेरे चेहरे पर अपनी रोशनी
बिखेर रहे हैI
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