तेरे लिए उस खत में, मैं लिखता ही क्या, तू सामने ही होता अगर, तो कहता ही क्या... इश्क़ को कहने के, ये लफ्ज़ जो ज़रिया बनें, बयां होता अगर इश्क़ इनमें, तो होता ही क्या... कभी रफ्ता कभी रफ्तार से, ये ख्याल दिल धड़काता है, तुझे पाया नहीं जो मैनें, तो पाया ही क्या... यूं तो अच्छा ही है, कुरबत नहीं हमारे दरमियान, फुरकत ना होती अगर, दिल मचलता ही क्या... खै़र रही इस बात की, ये ज़हर चख लिया "सागर", दर्द में न जिया कोई, तो जिया ही क्या... ✍️ अंश सागर #DPF #nojoto #khat #lafaz #kurbat #furkat