वक़्त की कमी है आंखों मेे नमी है, सपने टूटे हैं अपने रूठे हैं! तन्हाइयों का डेरा है बंदिशों ने घेरा है, दिन मे धूप का साथ अंधेरों से भरी है रात! दर्द हर ओर है कांटों से भरा मोड़ है, पर बेफिक्र हो मैं चल रही हूं संग तेरे ढल रही हूं, जब तू है मेरे साथ तो ये परेशानी की! मेरे पास रुकने की नही है औकात!!!! वक़्त की कमी है आंखों मेे नमी है, सपने टूटे हैं अपने रूठे हैं! तन्हाइयों का डेरा है बंदिशों ने घेरा है, दिन मे धूप का साथ