एक क़तरा ही सही... एक क़तरा ही सही आँखों में पानी तो रहे, ऐ मोहब्बत तेरे होने की निशानी तो रहे। क्या ही कहोगे उस इंसान को "इंसान", जो आँखों में फकत सूखा लिए घूमता है, थोडी सी तो थोडी सी "जान"बाकी तो रहे। वो सुना था मैंने की अफसाना जिसे अंजाम तक लाना हो नामुमकिन,उसे एक ख़ूबसूरत