आपके हुस्न से ये शहर भी सदाबहार हो गये जब भी देखा आपको तो चाँद के दीदार हो गये सोचा था कि कभी कर्जा नहीं होगा किसी का हम पर पर आपकी झलक देखके हम आपके कर्जदार हो गये