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तू कितनी भी ऊचांई पर चढकर देख ले मानव तुम्हें सतुं

तू कितनी भी ऊचांई पर चढकर देख ले मानव तुम्हें सतुंष्टि नहीं मिलेगी,हरदिन-हरपल और ऊंचा बनने का लालच तुम्हें खुश नहीं रहने देगा,तेरा जीवन इस दोहे जैसा बन जाएगा_
"बड़ा  हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नंही फल लागै अति दूर।"
अर्थात् 
अगर तुम्हारा जीवन किसी के काम नहीं आता तो वह खजूर के उसी ऊंचे पेड़ की तरह है जो न ही राही को छांव देता है और न ही ईतनी दूरी से किसी को फल।।

©Miss poojanshi #ReachingTop#merakhayal
तू कितनी भी ऊचांई पर चढकर देख ले मानव तुम्हें सतुंष्टि नहीं मिलेगी,हरदिन-हरपल और ऊंचा बनने का लालच तुम्हें खुश नहीं रहने देगा,तेरा जीवन इस दोहे जैसा बन जाएगा_
"बड़ा  हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नंही फल लागै अति दूर।"
अर्थात् 
अगर तुम्हारा जीवन किसी के काम नहीं आता तो वह खजूर के उसी ऊंचे पेड़ की तरह है जो न ही राही को छांव देता है और न ही ईतनी दूरी से किसी को फल।।

©Miss poojanshi #ReachingTop#merakhayal