तेरी बातें मुझे ताकत देती है वो बिन छुई। सी मुलाकाते होटों पर मुस्कराहट देती है, तेरे सिमटे हुए शब्द तेरी नाराजगी बयान करते है, तब हम तुम्हे, और भी याद करते हैं, माना में किसी और की हूं, पर तुमसे तो बिन बांधा रिश्ता है, तुझसे मिलना तो कभी नहीं है पर फिर जाने क्यू,दूर जाने से डर लगता है, चाहत तुम याद आते हो