जला कर गए जो आग,इन सीनों में वो "आज़ाद",
ज़हन में हमारे आज भी है वो "इंकलाब जिंदाबाद"।।
जब सौ दुश्मनों के बीच वो अकेले थे,
जब फड़कते कोड़े बदन पे झेले थे।
जब छोड़ा था घरों को देश के लिए,
जब तोड़ा था दिलों को उद्देश्य के लिए।
अनगिनत लिखे हैं इतिहास के पन्नों पे,
कुर्बानियों के किस्से निर्विवाद..। #आज़ाद#hindikavita#कविता#Azad#hindipoet#nozotohindi#ChandraShekharAzad#NozotoNews