तुम गीत मेरा तुम को लिखूं तुम्ही को गाऊं कैसे निर्लज्जता से अपनी प्रेम कहानी सुनाऊं तुम ही हो मेरी हर लेखनी का स्वरूप कैसे भूल जाऊं वो वादे तुम्हारे अंधेरी रात में वो चांद बनकर मिलना कालेज बंक मारकर हाथ में हाथ डालकर घूमना सब कुछ कितना सुहावना लगता था हर पल मिलने का अहसास मनमोहक था पर न जाने तुम कहां खो गए किस आंगन में चांद ढूंढते रहे हम यूं ही बैठे तुम्हारी राह में सारी जिंदगी अंधेरों में भटकते रहे शुकुन इस रूह को कहीं नहीं मिलता कोई मीत फिर मन से नहीं मिलता बस इक तड़प फिर मिलने की बाकी है इक झलक तुम्हें देखने की बाकी है सांसें साथ छोड़ दें उससे पहले आ जाओ अपने दीदार से मेरे गीतों को बोल दे जाओ ©_muskurahat_ #तुम गीत मेरा #raj #poet #shares #nojotohindi #nojotopoem #tumgeetmera #nojoto #ahasas #khate #methe #muskurane #kliya #indian