हमें भी नज़र मिली है दुनियादारी की परख मिली है कुछ मुस्कुराते, कुछ गमगीन लम्हे हर मंज़र की झलक मिली है धूप में मिले कभी बादल काले अंधेरी रातों में चमक मिली है जीत के भी हारे थे हम कभी मगर बढ़ते रहने की सनक मिली है बेख़ौफ़-बेहिचक चलते रहे हम आने वाले तूफ़ानों की भनक मिली है किसे पता यहाँ कितनी है ज़िंदगी हर घड़ी बनकर हमें सबक मिली है कागजों में पढ़ा भी ज़िक्र जन्नत का ज़िंदगी भी बनकर नरक मिली है किसे ठहराये दोस्त 'भुवनेश' अपना बेवफाई हमें भी हर तरफ मिली है सुप्रभात। हम दुनिया को दूसरों की नज़र से क्यों देखें, आख़िर हमें भी तो नज़र मिली है। #अपनीनज़र #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #yqbhaijan