फाग - राग नहीं, फूहड़ गीत का, रंग न ,उछलते कीचड़ -रीत का, अगल-बगल ठांव बीहड़,भीत का, पर्व का क्या रूप,न मनमीत का, कर डाला है,ऊंचा सुनें या न सुनें, क्या स्वर,शोर ही कर डाला संगीत का है... होली! ©BANDHETIYA OFFICIAL #डीजे पे होली! #happyholi