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माँ जैसी सरल है हिंदी, मां जैसी सराह है हिंदी क्यो

माँ जैसी सरल है हिंदी, मां जैसी सराह है हिंदी क्योंकि माँ भी माँ है हिंदी भी मात्रा भाषा है । माँ प्यार करती है और मात्रा भाषा भी प्यारी होती है Shayar K Reshma Jabeen Navneet Singh Shambhu Kumar Gupta Wagish Chandra
माँ जैसी सरल है हिंदी, मां जैसी सराह है हिंदी क्योंकि माँ भी माँ है हिंदी भी मात्रा भाषा है । माँ प्यार करती है और मात्रा भाषा भी प्यारी होती है Shayar K Reshma Jabeen Navneet Singh Shambhu Kumar Gupta Wagish Chandra