Nojoto: Largest Storytelling Platform

रण भूमि में अर्जुन था जब समां अनोखा बांधे बढ़ा भीड

रण भूमि में अर्जुन था जब समां अनोखा बांधे
बढ़ा भीड़ भीतर से सहता कर्ण शरासन साधे ।
कहता हुआ तालियों से क्या रहा गर्व में फूल ? 
अर्जुन ! तेरा सुयश अभी क्षण में होता है धूल ।

"तूने जो जो किया , उसे मैं भी दिख ला सकता हूं ,
चाहे तो कुछ नई कला भी सिखया सकता हूं ।
आंख खोल कर देख, कर्ण के हाथों का व्यापार ,
फूल सस्ता सुयश प्राप्त कर , उस नर को धिक्कार ।"

©savitri mishra rshimarthi भाग 1
#nojotohindipoetry 
#दिनकर 
#कर्ण
#mishra
#महाभारत 

#EarthDay
रण भूमि में अर्जुन था जब समां अनोखा बांधे
बढ़ा भीड़ भीतर से सहता कर्ण शरासन साधे ।
कहता हुआ तालियों से क्या रहा गर्व में फूल ? 
अर्जुन ! तेरा सुयश अभी क्षण में होता है धूल ।

"तूने जो जो किया , उसे मैं भी दिख ला सकता हूं ,
चाहे तो कुछ नई कला भी सिखया सकता हूं ।
आंख खोल कर देख, कर्ण के हाथों का व्यापार ,
फूल सस्ता सुयश प्राप्त कर , उस नर को धिक्कार ।"

©savitri mishra rshimarthi भाग 1
#nojotohindipoetry 
#दिनकर 
#कर्ण
#mishra
#महाभारत 

#EarthDay