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कई ख्वाब रातो की मुझे निंदो में उलझती है! की ख्व

कई ख्वाब रातो की 
मुझे निंदो में उलझती है!
 की ख्वाब तुम्हारा 
जब आता है आँख मेरी खुल जाती है!
 जमाना बीतता जा रहा है
 उम्र ढलती जा रही है 
ईक प्यार है जो कम नहीं होता,
 ईक आँख है जो नम ही रहती है,
कि तुम थी तो फूलो के
 हर माह सावन थे,
 कि तुम न हो तो बिन छुवे
 छुइमुइया भी मुरझाती है!
 ख्वाब तुम्हारा जब आता है,
 आँख मेरी खुल जाती है !!!!
 क्या मै ही हु जिसने तुम्हे पुकारा नहीं?
 चलो माना की अब मै तुम्हारा नहीं,
 ये सूरज,रीमा,अब्दुल,हिना "कौन है"?
 मै तेरा प्यार था,
 क्या तुझे मेरा फ्रेंड रिक्वेस्ट भी गवारा नहीं?
 की झूठ कहु तो
 हर दिन मेरा, होली और दिवाली है!
 की सच कहु तो,
 भले भरा हु ,अंदर खाली खाली है #poem
कई ख्वाब रातो की 
मुझे निंदो में उलझती है!
 की ख्वाब तुम्हारा 
जब आता है आँख मेरी खुल जाती है!
 जमाना बीतता जा रहा है
 उम्र ढलती जा रही है 
ईक प्यार है जो कम नहीं होता,
 ईक आँख है जो नम ही रहती है,
कि तुम थी तो फूलो के
 हर माह सावन थे,
 कि तुम न हो तो बिन छुवे
 छुइमुइया भी मुरझाती है!
 ख्वाब तुम्हारा जब आता है,
 आँख मेरी खुल जाती है !!!!
 क्या मै ही हु जिसने तुम्हे पुकारा नहीं?
 चलो माना की अब मै तुम्हारा नहीं,
 ये सूरज,रीमा,अब्दुल,हिना "कौन है"?
 मै तेरा प्यार था,
 क्या तुझे मेरा फ्रेंड रिक्वेस्ट भी गवारा नहीं?
 की झूठ कहु तो
 हर दिन मेरा, होली और दिवाली है!
 की सच कहु तो,
 भले भरा हु ,अंदर खाली खाली है #poem
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