तू बता मुझे वो सब जो तेरे धवल चेहरे पर वो मुस्कान कोमल औ' मेरे जानिब वो शिकायती शिकन बरक़रार रखने को हमेशा मैं कर सकता था, बहुत कुछ मगर... कर नहीं सका, नहीं कर सका। ज़रूरत की उस घड़ी से लेकर बाद रुख़सत के इन बेज़ार लम्हों में भी है हर्षो सबकुछ पहले सा ही... बस तेरी ग़ैरहाज़िरी के सिवा। #वो_आख़िरी_मुलाकात @manas_pratyay ©river_of_thoughts #wo_aakhiri_mulaqat © Ratan Kumar #covidindia