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जन्नत है तेरे आँचल में माँ हर नज़र उतार देती, कित

  जन्नत है तेरे आँचल में माँ
हर नज़र उतार देती, कितना प्यार देती हैं माँ,

हर रोज़ बिना कहे सब मिल जाता है,
तेरी सोहबत में हर पल चेहरा खिल जाता हैं
झूठ मूठ रोने भी नही देती मेरी  माँ
कभी खुद से दूर होने नही देती माँ
  जन्नत है तेरे आँचल में माँ
हर नज़र उतार देती, कितना प्यार देती हैं माँ,

हर रोज़ बिना कहे सब मिल जाता है,
तेरी सोहबत में हर पल चेहरा खिल जाता हैं
झूठ मूठ रोने भी नही देती मेरी  माँ
कभी खुद से दूर होने नही देती माँ