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वो आशु जो कभी तुम्हारे दी झूठी उम्मीदों में बहा कर

वो आशु जो कभी तुम्हारे
दी झूठी उम्मीदों में बहा करते थे
उनकी जलन तुम क्या जानो सनम......!!
(मानवेन्द्र की कलम से) #मानवेन्द्र_की_कलम_से
वो आशु जो कभी तुम्हारे
दी झूठी उम्मीदों में बहा करते थे
उनकी जलन तुम क्या जानो सनम......!!
(मानवेन्द्र की कलम से) #मानवेन्द्र_की_कलम_से