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उनकी आंखे कोई दश्त है फिर कोई दरिया, ना जाने क्या

उनकी आंखे कोई दश्त है फिर कोई दरिया,
ना जाने क्या है हमारे दर्मिया,

गर उतर के देखू , तो डूब ही जाऊ,
गर चल के देखू , तो खो जाऊ,

ये अनकहे एहसास का कुछ यू कहना हैं,
जैसे शहर ए दिल में तुम्हारा ही रहना हैं,

cont...... उनकी आंखे कोई दश्त है या फिर कोई दरिया....
उनकी आंखे कोई दश्त है फिर कोई दरिया,
ना जाने क्या है हमारे दर्मिया,

गर उतर के देखू , तो डूब ही जाऊ,
गर चल के देखू , तो खो जाऊ,

ये अनकहे एहसास का कुछ यू कहना हैं,
जैसे शहर ए दिल में तुम्हारा ही रहना हैं,

cont...... उनकी आंखे कोई दश्त है या फिर कोई दरिया....
rohitkumar5683

Rohit Kumar

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