उनकी आंखे कोई दश्त है फिर कोई दरिया, ना जाने क्या है हमारे दर्मिया, गर उतर के देखू , तो डूब ही जाऊ, गर चल के देखू , तो खो जाऊ, ये अनकहे एहसास का कुछ यू कहना हैं, जैसे शहर ए दिल में तुम्हारा ही रहना हैं, cont...... उनकी आंखे कोई दश्त है या फिर कोई दरिया....