हम मौन रहकर भी बहुत कुछ बताने का हुनर रखते हैं। खुद के अल्फाज़ों से महफ़िल सजाने का हुनर रखते हैं। सलीका है, मोहब्बत है, नफरत है और कुछ सोचकर चुप हैं यारो वरना हम भी लोगों को आजमाने का हुनर रखते हैं। ©नितीश निसार #आजमाना