पता नहीं क्यों हर कुछ छूट जाने के बाद तेरी कमी खलती हैं, रातें ढलने पे तेरी खुशबू महकती है, खुद को कितना भी मसगुल रखू मैं किन्हीं और चीजों में, पर मयखाने में तो तेरी ही अदाकारी चलती हैं, लोग कहते हैं कि ये शराब मुझे चढ़ती नहीं, कोई देखें तो सही मेरे आंखों से तू उतरती ही नहीं, जाम भर के पीता हूं मदीरा का, ताकि तेरी यादों इसमें खो कर मदहोस हो जाऐ,। पर साले ये तो पीघलते ही नहीं, तारे गिनता हूं मै रातों के, शायद ये मुसाफिरों के साथ चलती हो, पर ये भी दिन आने पे ढलती हैं, कौन कहता है कि सब पहले जैसा ही हैं, वक़्त आने पे साला किस्मत जैसी कूत्ती चीज भी बदलती हैं। #ishqkibatein #pyaarhaitumse #mohbattein #ishqsufiyana #yourquotebaba #yourquotedidihindi #yourquotediary