सफ़र का एक अपना ही मज़ा है। हर नए रास्तों के साथ पीछे कुछ छूट जाता है। उम्मीदों के शहर में अकसर दिल टूट जाता है। चाहो जिसे जान भी जायदा यारों। अकसर वो इंसान ही आपसे रूठ जाता है। ©Ak #Train