ज़िद्दी बचपन पापा वो खुले आसमाँ के निचे खिलखिलाना बहुत अच्छा लगता था। वो चाँद तारो से बतियाना अच्छा लगता था।। हर बात पर जिद्द मनवाना अच्छा लगता था।। वो तितलियों को पकङना। वो बात-बात पर अकङना, वो छोटी -छोटी बात पर आपसे झगङना और फिर आपका मनाना। हाँ मै बहुत जिद्दि थी वो मेरा आपसे रूठना, फिर जिद्द करके खाना ना खाना। फिर प्यार से मनाना। किसे अच्छा नहीं लगता।हाँ पापा मै जिद्दी थी। 😉😃🤔😄😅#Bachpan #ZidiBachpan #nojotowriting #nojotopoetry#nojotolove#stories#shyari#qutoes#nojotonews#nojotohindi#erotica#amarujalakavya#amarujalanewspaper#amarujala#patrika#shabdanchal नयनसी परमार