तेरी -मेरी बातें ना खत़्म हों कयी रातें, और बताओ से शुरू, और बताओ पे खत्म, इसी शुरू और खत्म के बीच बीतीं, जाने कितनी रातों।। #अंकित सारस्वत# #तेरीमेरीबातें