मिला है जिनको सब कुछ,वो कमीं को क्या समझेंगे हम मांगेंगे उनसे कुछ,तो वो हमको क्या समझेंगे उनकी दौलत नहीं काम आती हमारी, वो कहां गरीबी को जिएं है, एक एक निवाले को तरसकर हमने आंसू अपने पिए है, मिला है जिनको सब कुछ,वो कमी को क्या ही समझेंगे उनकी नजरों में हमारी कीमत ही क्या है, जो देखकर हमे मुंह मोड़ अपनी गाड़ी का शीशा चढ़ा देते है अनसुना कर देते है,फरियाद हमारी,गाड़ी आगे बड़ा देते है, क्या ज्यादा मांगा हमने उनसे,जो उनकी सल्तनत लुट जाती उनकी मेहरबानी अगर होती तो एक बेटी की पेट की भूख मिट जाती ©पथिक #Dark lyf of beegers