तुम्हारा वो छोटा सा पल्लू सिर से बार बार सरक रहा है वो पल्लू का बार बार सरकना तुम्हारा उसे बार बार ठीक करना थोडा सा घुमाकर कान के पीछे रखना लगा था जैसे पूर्णमा का चाँद बादलों के बीच से निकल रहा है तुम्हारा पल्लू बार बार सरक रहा है।। साडी का पेट से कमर तक का सफर जरा जो वो हटे तो पडे वही नजर तुम्हारी कमर अप्सरा की सूरत हो लग रहा जैसे कोई संगमरमर की चमकदार मूरत हो देख कर दिल मेरा भी मचल रहा है तुम्हारा पल्लू बार बार सरक रहा है।। गोरे तन पर पीले रंग की साडी देख तुझे बिगडे सबकी नाडी क्युं पहनती हो तुम ये बेकार कपडे क्युं पालने बेकार के लफडे क्या रखा है प्लाजो और जीन्स टॉप में माँ का आंचल तो रखो उसके लिए जो है तुम्हारी कोख में तुम्हारे पल्लू को ही मेरा दिल तरस रहा है वो जो तुम्हारा पल्लू बार बार सरक रहा है।। जब तुम साडी के बल बनाकर साँस अन्दर करके उसे पेट में लगाती हो मेैं तो वही ठहर सा जाता हुँ तेरी साँसो के साथ मेरी साँसे भी थम सी जाती है मेरी नजरें भी एक दम तुझपर जम सी जाती है पीली साडी में सरसों का फूल लगती हो इस अंदाज में बहुत कूल लगती हो जीवन अब स्वर्ग हुआ पहले तो नरक रहा है वो तुम्हारा पल्लू बार बार सरक रहा है। #साडी_का_पल्लू #IITRoorkee #nojotolove