White @प्रेमयोगी सुनो- प्रेम में बिना देह के स्पर्श के कोई छू पाया है एक - दूसरे के मन को अगर हाँ तो तुम्हें धरती पर रहने का कोई अधिकार नहीं , जाओ तुम प्रेमयोगी हो और तुम्हें समझ पाना गहराई के लिये मुमकिन है छिछलेपन के लिये नहीं क्योंकि ये ठीक उसी तरह है जिस तरह तुमनें कभी ईश्वर को देखा है ? और इसका जवाब एक अनसुलझा रहस्य ही रहेगा आने वाले कल के लिये भी और आज के लिये भी क्योंकि देह को हटा पाना संभव नहीं है और देह कि रिक्तता में प्रेम का बढ़ पाना संभव नहीं और यही एक मात्र साधन है आज के प्रेम को जीवित रखने का । क्षमा करना बार - बार प्रेम लिख रहा हूँ ये जानते हुये कि ये प्रेम नहीं सिर्फ एक स्वांग है , एक आकर्षण है और एक आधारभूत जरूरत भी यकीन नहीं होता तो देह को हटाने कि हिमाक़त करके देखें आपके प्रेम रूपी शरीर से ऐसी सड़न आनी शुरु हो जायेगी कि इसे जीवित करने के लिये आपको फिर देह ही चाहिये होगी और इसके अभाव सिर्फ अंत ही होगा आपके प्रेम और आपकी इच्छा का 🙏 । ©Suraj Dikshit "Mann"( In Short SDM ) philosophy of life shayari in hindi