अगर बांटे इंसान को इंसान से तो वह धर्म नहीं पाखंड है अगर रोके संस्कृति के नाम पर तो वह इंसान नहीं नासूर है वह आएंगे फिर बरगलाएंगे अपने धर्म को बड़ा बतलाने को अपनी संस्कृति को ऊंचा दिखलाने को पर इस बार तुम तैयार रहना उन्हें कुछ सीधे-साधे सवाल करके करारा जवाब देना सुना है कभी गंगा और जमुना ने अपनी पवित्रता के लिए सौगंध खाई हो? या गीता कुरान बाइबल अपनी पवित्रता को साबित करने को लड़े हो? तुम जिन के उपासक हो उन्होंने कभी अपने धर्म की उद्घोषणा की हो? अगर जानते हो जवाब इन बातों का तो फिर यह बकवास बंद करो, चंद रंग बिरंगी नोटों के लिए, गुरुर की कुर्सी के वोटो के लिए धर्म से धर्म को, संस्कृति से संस्कृति को और इंसान से इंसान को लडवाना बंद करो। #धर्म #संस्कृति #राजनीति अगर बांटे इंसान को इंसान से तो वह धर्म नहीं पाखंड है अगर रोके संस्कृति के नाम पर तो वह इंसान नहीं नासूर है वह आएंगे फिर बरगलाएंगे अपने धर्म को बड़ा बतलाने को अपनी संस्कृति को ऊंचा दिखलाने को