क्यों इबादत के नाम पर साजिशें कर रहे हो क्यों अपने ही सरजमीं पर गैरों के लिए अपनों से लड़ रहे हो खैरियत के लिए दुआ मांगते हैं वो और जो खैरियत की दवा देते हैं उन्हीं की तोहीन करते हैं वो इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं कहीं अस्पतालों में तो कहीं वर्दी पहने सड़कों पर शर्मिंदा हो रहा है वो खुदा तुम्हारा और ईश्वर पर भी हमारा क्यों मांग कर सबूत उन्हें और शर्मिंदा कर रहे हो वो तो गैर है चले जाएंगे पर हम एक ना हुए तो टुकड़ों में बिखर जाएंगे विविधता में एकता भारत की विशेषता जय हिंद ahuti maurya(mohini) विविधता में एकता भारत की विशेषता