Khamoshiyon se baat. हाँ, कि थी मैंने, खामोश था मगर गुनगुनाने लगा, सारे राज उसको बताने लगा, और ऐसा नही कि कुछ कहा नहीं उसने, मैं मुस्कुराते हुए शर्माने लगा। वो सहम कर हाल पूछने लगी मेरा, मैं भी इतरा के सब बताने लगा। फिर नजरें उठाई जैसे ऊपर, मैं खुद को उसकी बाहों में पाने लगा। कुछ शिकवे कहे इल्तेजा कर के उसने, मैं जज्बातों में बाते बनाने लगा। व नाराजगी आँखों मे दिख रही थी उसकि, मैं दिल कि बातें कर के बहलाने लगा। #Khamoshiyon se baatein....