जो सोच बैठे तू बदनाम ,तो फिर नाम किस पे हो। जो रफ़्तार -शिकन (स्पीड -ब्रेकर ) तू देख , मान सफर नाकाम तू तो फिर एतबार किस पे हो। जो देखता है बेड़िया पैरो के अपनी तू , कमजोर जानकर भी तू ना मान तो अब फरियाद किस पे हो। तू उठ थाम हाथ का खुद का तू। तू कर चाहत खुद से , बता खुद को महबूबा तेरी मंजिल और आशिक है उसका तू। कर ले जो हिम्मत हर फरियाद पर तेरी हार जाएगा वो। और जो तू खुद चढ़ा दे चादर ख्वाब पर अपने तो , फिर साथ छूटे ,हो अकेला , रोए टूटकर जो , तू बता सब खता तेरी , तो इलज़ाम किस पे हो हर खता का तेरी इलज़ाम किस पे हो...... written by Gaurav Rajput #ilzam