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White जब तुम छोड़ गयी मुझे क्या बताऊँ, उदासी किस त

White जब तुम छोड़ गयी मुझे क्या बताऊँ,
उदासी किस तरह उतर आयी थी मुझमें,
खालीपन सा बस गया हर कोने में,
जैसे बिन बादल की बरसात बरसी थी मुझ पर।

आँखों में नमी, दिल में एक टीस सी,
बिन तेरे हर पल थी एक अधूरी कविता सी,
तेरी यादों का मौसम बदलता रहा,
जैसे मौसम की सर्द हवा चली थी मुझ पर।

जिंदगी की राहों में तेरी कमी का एहसास,
जैसे रेगिस्तान में बिन पानी की प्यास।
तेरे जाने के बाद ये दिल है सुना,
जैसे खामोशी ने ली हो आवाज़ की जगह।

बिन तेरे हर खुशी में छिपा दर्द का राज़,
जैसे बिना फूलों के हो बागों का साज।
तेरी यादें बन गयीं आँसुओं की बरसात,
जैसे बिन चाँद के रात हो गयी हो बर्बाद।

जिंदगी की इन सुनसान राहों में,
तेरी यादों की कशिश बाकी है।
तेरे जाने के बाद भी ये दिल,
तेरी मोहब्बत की गूँज से आबाद है।

हर खुशी अब लगती है फीकी,
तेरे बिना जैसे हर रंग बेजान है।
तेरी यादों की ये बरसात जब भी आती है,
मेरी दुनिया उसी पल में ठहर जाती है।

©बेजुबान शायर shivkumar
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जब तुम छोड़ गयी मुझे क्या बताऊँ,
उदासी किस तरह उतर आयी थी मुझमें,
खालीपन सा बस गया हर कोने में,
जैसे बिन #बादल  की #बरसात  बरसी थी मुझ पर।

हिन्दीकविता हिन्दीलेखन Nojoto कविता जब तुम छोड़ गयी मुझे क्या बताऊँ, उदासी किस तरह उतर आयी थी मुझमें, खालीपन सा बस गया हर कोने में, जैसे बिन बादल की बरसात बरसी थी मुझ पर।

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