सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है सिलसिला जिंदगी कितनी भी मुश्किल हो मरने का मन नहीं करता चले गए बड़े बड़े तजुर्बेकार सब छोड़ कर यहीं पर किसी तिनके पर भी जोर हाथी का नहीं चलता वृद्ध चेहरे को देखकर शिशु अचंभित सोचता है यह मेरे चेहरे को भला हुआ क्या है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar चेहरा KK क्षत्राणी