अर्ज़ किया हैं शायरी करती हूं तो तरस ना खाया करो तुम मुझ पर, शायरी करती हूं तो तरस ना खाया करो तुम मुझ पर, जितना सोच बैठे हो ना तुम मुझे , जितना सोच बैठे हो ना तुम मुझे, उतनी सीधी नहीं हूँ मैं!!! अर्ज़ किया हैं शायरी करती हूं तो तरस ना खाया करो तुम मुझ पर, शायरी करती हूं तो तरस ना खाया करो तुम मुझ पर, जितना सोच बैठे हो ना तुम मुझे , जितना सोच बैठे हो ना तुम मुझे,