जो बात जुबां नहीं कह पाती है,उसे निगाहें कह रही है मेरे रग रग में तेरी वफ़ा की खुशबू बह रही है सुन लें तू दिल की गुनारें अपने सुरीली निगाहों से दूर ना कर तू हमको अपनी बाहों की सलाखों से परवाना बढ़े समां को चूमने परवाना को नहीं समां की मजबूरी का एहसास कब तलक होगा तुझे मेरे प्यार का एहसास आज बता दे अभी बता दे इस उमर तन्हा को बता दे यार #समां #सलाखें #परवाना