इंसानियत के अपने भी कुछ उसूल है जिन्हें मानता हर इंसान आज बेफिज़ूल है खुद को श्रेष्ठ साबित करने हेतू चाट रहा दूसरों के चरणों की धूल है जो वाणी मुख से निकलती है उसके उससे मालूम पड़ता उसका मूल है इंसान इंसान पर कथनों से वार कर रहा हर शब्द शिव त्रिशूल के भांती शूल है 'भारत' इनको अब कैसे समझाएं यहां हर इंसान अब नामाकूल है इंसानियत #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #GhazalPyaar #NojotoGhazal #Kalakaksh #Anthem