रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो आँख सच बोलती हैं प्यार छुपाया न करो लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं सबको हालात की रूदाद सुनाया न करो ये ज़ुरूरी नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं 'मोहसिन' दिल को शीशे के झरोखों में सजाया न करो ©Sonu sharma #fogg