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"मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राखप्रयाग के संगम

"मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर 
राखप्रयाग के संगम में बहा दी 
जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को 
चूमते हुए समंदर में जा मिले, 
लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा 
हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों 
में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां 
हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं,
ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की 
खाक में मिलकर एक हो जाए।"
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
27 मई पुण्यतिथि #nehruvian #nehru #jawaharlalnehru
"मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर 
राखप्रयाग के संगम में बहा दी 
जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को 
चूमते हुए समंदर में जा मिले, 
लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा 
हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों 
में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां 
हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं,
ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की 
खाक में मिलकर एक हो जाए।"
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
27 मई पुण्यतिथि #nehruvian #nehru #jawaharlalnehru