।।श्री कृष्ण कहों ।। दूर करनें को सभी विपदा कहीं से आ जाएं खो चुकी जो धरा सम्पदा देने कहीं से आ जाएं साध कर जियें अपना जीवन ज़िसके तरह सभी जग को तारने वालें ओ कृष्णा कहीं से आ जाएं चेतना में आज सबकें कौरव षड्यंत्र चल रहा हैं कौरवों सी क्रूरता से हर तंत्र फल फूल रहा हैं पांडवी ऊर्जा गति निष्क्रिय निशदिन हो रही हैं कालिया जरासंध का साम्राज्य बढ़ता जा रहा हैं स्नेह श्रम सदभाव का अभाव होता जा रहा भय आतंक के भाव में अब कंस जीता जा रहा नारियों शोषित बेचारों की व्यथा को सुनें अब कौन आस आने की अब तेरे कृष्णा आँखों से जा रहा लूट रहा अब देश अपना लूट रहा सब धर्म हैं कराहता सड़कों पर सारे दीनहीन का मर्म हैं खो चुका प्रतिकार हिम्मत क्रूर कालिया कंस से देख कर आंखों में ना,अब भारतीय के शर्म हैं हे मेरें गोविंद माधव ! हे मेरे कान्हा अहो आज प्रगट हर रूप से हो,दूर सब विपदा हरो जग जाए पुरुषार्थ सबमें,नाम बस कृष्णा जपो मिट जाए संताप सबसें, कृष्णा बनो कृष्णा सधो हो जाये हम कृष्ण जैसा देखकर शासन अभी भागें ना मुश्किल से कोई, चाहें हो प्रशासन सभी डूब कर रम कर सभी में निराकरण करतें रहों नाम तेरा हर जबां से,कृष्णा कहों कृष्णा कहों ।। ©बिमल तिवारी "आत्मबोध" देवरिया उत्तर प्रदेश #shreekrishnajanmashthami #श्रीकृष्णजन्माष्टमी