हमारे देश के ज्यादातर पत्रकार पत्रकार कम डिटेक्टिव ज्यादा रहते हैं। कोई भी हादसा हो उसमें पीड़ित के मन की बात दरकिनार कर अपनी टीआरपी और मसालेदार खबरें बनाने में जुटे रहते हैं। हाल फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत के केस में हम देख ही रहे हैं कि किस प्रकार की पत्रकारिता और खोजबीन हो रही है, और यदि पीड़िता कोई बलात्कार की शिकार हो तो उसके साथ इतनी घटिया और वाहियात किस्म के सवाल किए जाते हैं कि खून खौल उठे......फ़िर ये भी देखना जरूरी होता है कि हादसा हिन्दू के साथ हुआ है या मुसलमान के...दलित के साथ या सवर् #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqhindi#yqquotes#माशारत्ती