Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो आकर सीधा मुझसे मिरी जात पूछता है क्यूँ नहीं कैस

वो आकर सीधा मुझसे मिरी जात पूछता है
क्यूँ नहीं कैसे गुज़री मिरि रात पूछता है
मिज़्गाँ भी न खुली अभी हादसे के बाद
वो कैसे कैसे मुश्किल सवालात पूछता है
कैसे बर्दाश्त करूँ मिरे पाक दामन से
सियासत से अपने रंगे हाथ पोंछता है
हालात-ओ-हादसे की आँच पर
बेग़ैरत ख़बरनवीस हाथ सेंकता है
अज़ाब-ए-नक्श मिरे नज़रअंदाज़ कर 
वहशत-ओ-वारदात के अलामात पूछता है
आबरू लुट जाने से सहम गई थी बच्चियां
कैसे-कैसे सब हुआ उनसे बदजात पूछता है
 हमारे देश के ज्यादातर पत्रकार पत्रकार कम डिटेक्टिव ज्यादा रहते हैं। कोई भी हादसा हो उसमें पीड़ित के मन की बात दरकिनार कर अपनी टीआरपी और मसालेदार खबरें बनाने में जुटे रहते हैं। हाल फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत के केस में हम देख ही रहे हैं कि किस प्रकार की पत्रकारिता और खोजबीन हो रही है, और यदि पीड़िता कोई बलात्कार की शिकार हो तो उसके साथ इतनी घटिया और वाहियात किस्म के सवाल किए जाते हैं कि खून खौल उठे......फ़िर ये भी देखना जरूरी होता है कि हादसा हिन्दू के साथ हुआ है या मुसलमान के...दलित के साथ या सवर्
वो आकर सीधा मुझसे मिरी जात पूछता है
क्यूँ नहीं कैसे गुज़री मिरि रात पूछता है
मिज़्गाँ भी न खुली अभी हादसे के बाद
वो कैसे कैसे मुश्किल सवालात पूछता है
कैसे बर्दाश्त करूँ मिरे पाक दामन से
सियासत से अपने रंगे हाथ पोंछता है
हालात-ओ-हादसे की आँच पर
बेग़ैरत ख़बरनवीस हाथ सेंकता है
अज़ाब-ए-नक्श मिरे नज़रअंदाज़ कर 
वहशत-ओ-वारदात के अलामात पूछता है
आबरू लुट जाने से सहम गई थी बच्चियां
कैसे-कैसे सब हुआ उनसे बदजात पूछता है
 हमारे देश के ज्यादातर पत्रकार पत्रकार कम डिटेक्टिव ज्यादा रहते हैं। कोई भी हादसा हो उसमें पीड़ित के मन की बात दरकिनार कर अपनी टीआरपी और मसालेदार खबरें बनाने में जुटे रहते हैं। हाल फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत के केस में हम देख ही रहे हैं कि किस प्रकार की पत्रकारिता और खोजबीन हो रही है, और यदि पीड़िता कोई बलात्कार की शिकार हो तो उसके साथ इतनी घटिया और वाहियात किस्म के सवाल किए जाते हैं कि खून खौल उठे......फ़िर ये भी देखना जरूरी होता है कि हादसा हिन्दू के साथ हुआ है या मुसलमान के...दलित के साथ या सवर्
vijaytyagi5239

Vijay Tyagi

New Creator

हमारे देश के ज्यादातर पत्रकार पत्रकार कम डिटेक्टिव ज्यादा रहते हैं। कोई भी हादसा हो उसमें पीड़ित के मन की बात दरकिनार कर अपनी टीआरपी और मसालेदार खबरें बनाने में जुटे रहते हैं। हाल फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत के केस में हम देख ही रहे हैं कि किस प्रकार की पत्रकारिता और खोजबीन हो रही है, और यदि पीड़िता कोई बलात्कार की शिकार हो तो उसके साथ इतनी घटिया और वाहियात किस्म के सवाल किए जाते हैं कि खून खौल उठे......फ़िर ये भी देखना जरूरी होता है कि हादसा हिन्दू के साथ हुआ है या मुसलमान के...दलित के साथ या सवर् #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqquotes #माशारत्ती