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तुम्हें देखा नहीं कब से दिल तेरे दीदार को तरसता ह

तुम्हें देखा नहीं कब से 
दिल तेरे दीदार को तरसता है।
भरी है आंखे और
आंखों से सावन बरसता है।। himt@nu
तुम्हें देखा नहीं कब से 
दिल तेरे दीदार को तरसता है।
भरी है आंखे और
आंखों से सावन बरसता है।। himt@nu