खोज बड़ा अजीब इतिफाक रहा में मुझ से अब तक नहीं मिला ऑरो पर लूटा कर अपनी ख़ुशी उनकी ख़ुशी पर मिटता रहा । अपने वजूद को भुला कर अपने ही वजूद को तरसता रहा। वाकिफ था में जमाने से फिर भी सरे आम लूटता रहा मेरी मुझ से ही मुलाकात को में यू नजरअंदाज करता रहा एक में ही हूं जिस से अब तक नहीं मिला। written by Sunita Nimish Singh खोज written by Sunita Nimish Singh